मेरे ख्वाबो की उडान को नया हौसला देने वाले,
भूल के अपनी सारी खुशियाँ मेरा हर गम लेने वाले,
मेरे ख्वाबो की उडान को नया हौसला देने वाले,
भूल के अपनी सारी खुशियाँ मेरा हर गम लेने वाले।
साथ मेरे हर लम्हा हर पल, साथ मेरे हर लम्हा हर पल
पापा है ना, है ना, है ना, पापा है ना, है ना, है ना
मैने माना साथ बड़े है, इस जीवन के रस्ते
बेफिक्री मैं चलती हूँ इनपे हँसते हँसते
कोई मुसीबत आई कभी तो –
पापा है ना, है ना, है ना, पापा है ना, है ना, है ना
खेल के इनमें धम कर चोट लगी तो क्या ?
महंगे तोहफे पाने की उम्मीद जगी तो क्या ?
सही गलत में फर्क समज न पाती हूँ तो क्या ?
साथ समय के दौड़ के थक जाती हूँ तो क्या ?
रात रात भर पढ़ती में और कहाँ पापा भी सोते थे ?
सूनापन जब खलता था तो वहाँ पापा ही होते थे
खेल ज़िंदगी का हो जो भी, हारूंगी में ना,
पापा है ना, है ना, है ना, पापा है ना, है ना, है ना
पापा है ना, है ना, है ना, पापा है ना, है ना, है ना
पापा है ना, है ना, है ना, पापा है ना, है ना, है ना
पापा है ना, है ना, है ना, पापा है ना, है ना, है ना
~ समीर अनजान
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