“दीपावलीका यह मंगलमय त्यौहार हम सबके जीवन को इच्छित फल प्रदान करे”
उसी उमदा भावना के साथ –
Video By: Jagat Avashia
लगता है , फिर से दीपावली आ रही है ,
साफ-सफाई , उपर के माले से
अंडर-ग्राउंड टंकी तक की हो रही है !
दिवारो को भी ‘पेन्ट’ के नाम पर ,
‘मल्टी कलर’ चूना लग रहा है !
लगता है , फिर से दीपावली आ रही है !
खिड़कियों को नये पडदे,
तो कमरे की फर्श को नया फर्नीचर,
मिलने का हर्ष है !
दियो की ये झगमगाहट,रंगोली के ये रंग
और फूलो की हारमाला घरों को सुशोभित कर रहे है !
लगता है , फिर से दीपावली आ रही है !
मिठाइयो से सजे ये बोक्स और
पटाखोंकी चारो और गूंजती आवाज़,
लगता है , फिर से दीपावली आ रही है !
और यह सुशोभितत्ता का,रौशनी का,
रंगोली के रंगों का, मिठाश का, उत्साह का
पर्व आपको बहोत बहोत मुबारक हो !
पर…पर क्या ?
क्यू न थोड़ी सी साफ सफाई दिल के कौने में छिपे
उन मैलो की भी की जाऐ ?
क्यू न नया रंग बरसो से चले आ रहे पुराने रिवाजों को
मिटाकर भी किया जाए ?
क्यू न रौशनीकी एक किरन,
उन बेबस और लाचारो तक भी पहोचाई जाए ?
क्यू न उंच-नीच,जाति-धर्म,काले-गोरे के
उन भेदभावो को मिटाकर संबंधोमें,
वो ही गुलाबजामुन वाली मिठास भी लायी जाए ?
लगता है , फिर से दीपावली आ रही है |
– जगत निरुपम
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